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ट्रांसमिशन मीडिया के प्रकार
by:guideway360
ट्रांसमिशन मीडिया के प्रकार (Types of Transmission Media)
ट्रांसमिशन मीडिया दो प्रकार के होते हैं
१-वायर्ड (केबल) टांसमिशन मीडिया
२-वायरलेस ट्रांसमिशन मीडिया
केबल मीडिया - इसके अंतर्गत धातु या फाइबर से बने हुए तार आते हैं जो इलेक्ट्रिक सिग्नल्स या लाइट सिग्नल्स के रूप में डेटा या इनफार्मेशन को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में पहुचाते हैं जैसे-
१-ट्विस्टेड पेयर केबल
२-कोएक्सिअल केबल
३-फाइबर ऑप्टिक केबल
वायरलेस मीडिया - इस प्रकार के ट्रांसमिशन मीडिया में डेटा तथा इनफार्मेशन तरंगो के रूप में एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस में पहुचता है कुछ वायरलेस मिडिया निम्नलिखित हैं -
१-ब्लूटूथ
२-वाई-फाई
३-इन्फ्रारेड आदि।
ट्रांसमिशन मीडिया दो प्रकार के होते हैं
१-वायर्ड (केबल) टांसमिशन मीडिया
२-वायरलेस ट्रांसमिशन मीडिया
केबल मीडिया - इसके अंतर्गत धातु या फाइबर से बने हुए तार आते हैं जो इलेक्ट्रिक सिग्नल्स या लाइट सिग्नल्स के रूप में डेटा या इनफार्मेशन को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में पहुचाते हैं जैसे-
१-ट्विस्टेड पेयर केबल
२-कोएक्सिअल केबल
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| ट्विस्टेड पेयर केबल |
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| कोएक्सिअल केबल |
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| फाइबर ऑप्टिक केबल |
वायरलेस मीडिया - इस प्रकार के ट्रांसमिशन मीडिया में डेटा तथा इनफार्मेशन तरंगो के रूप में एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस में पहुचता है कुछ वायरलेस मिडिया निम्नलिखित हैं -
१-ब्लूटूथ
२-वाई-फाई
३-इन्फ्रारेड आदि।
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| ब्लूटूथ डिवाइस |
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| वाई फाई डिवाइस |

नेटवर्क सर्विस के प्रकार ( types of network services)
नेटवर्क में कंप्यूटर के विभिन्न रिसोर्सेस जैसे हार्ड-डिस्क ,सीडी-ड्राइव,प्रिंटर आदि को शेयर करने के लिए नेटवर्क सर्विस ही जिम्मेदार होतीं हैं
नेटवर्क में प्रयोग होने वाली प्रमुख सर्विसेस निम्न हैं-
१- फाइल सर्विस
२- प्रिंट सर्विस
३- मेसेज सर्विस
४- डाटाबेस सर्विस
५- एप्लीकेशन सर्विस
फाइल सर्विस- नेटवर्क में किसी फाइल को एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर पर ट्रान्सफर ,मूव या कॉपी करने के लिए फाइल सर्विस प्रयोग में आती है l फाइल सर्विस ही नेटवर्क में बैकप की सुविधा प्रदान करती है l फाइल सर्विस स्टोरेज डिवाइस को प्रभावी तरीके से प्रयोग करती है l
प्रिंट सर्विस- प्रिंट सर्विस का कार्य नेटवर्क में किसी एक कंप्यूटर पर लगे प्रिंटर को नेटवर्क के अन्य कंप्यूटर के लिए उपलब्ध करवाना होता है l अर्थात प्रिंट सर्विस के कारण ही एक प्रिंटर का प्रयोग नेटवर्क के सभी यूजर कर पाते हैं l प्रिंट सर्विस का कार्य नेटवर्क में प्रिंटर की संख्या को कम करना होता है l इस सर्विस के कारण ही नेटवर्क में प्रिंटर को कहीं भी इस्थापित किया जा सकता है l इसकी वजह से ही प्रिंट जोब्स एक पंक्ति में रहते हैं l इसके द्वारा ही प्रिंटर को नेटवर्क में एक्सेस कण्ट्रोल व मैनेज किया जा सकता है l
मेसेज सर्विस- जैसा की हम नाम से ही समझ सकते है l की मेसेज सर्विस का कार्य एक कंप्यूटर का मेसेज दूसरे कंप्यूटर तक पहुचना होता है l इसके साथ साथ हम डाटा ऑडियो विडियो टेक्स्ट आदि भी भेज सकते हैं l एक प्रकार से मेसेज सर्विस फाइल सर्विस की तरह ही कार्य करती है l लेकिन यह डाइरेक्ट कंप्यूटर के बीच कार्य न करके यूजर अप्लिकेसन के बीच कार्य करती है l इ-मेल व वोइस-मेल इसके ही उदहारण हैं l
डाटाबेस सर्विस- यह सर्विस नेटवर्क में सर्वर आधारित डाटाबेस की सुविधा प्रदान करती है l अर्थात नेटवर्क में जब कोई क्लाइंट रिक्वेस्ट करता है तो उसे आवश्यक जानकारी डाटाबेस सर्वर के द्वारा प्रदान कर दी जाती है l यह सर्विस डाटा सिक्योरिटी प्रदान करती है l और इसके कारण ही डाटाबेस की लोकेसन केन्द्रित हो पति है l
एप्लीकेशन सर्विस- नेटवर्क में वे सर्विस जो नेटवर्क क्लाइंट के लिए सोफ्टवेयर चलाती हैं l एप्लीकेशन सर्विस कहलाती हैं l यह सर्विस केवल डाटा ही नहीं शेयर करती बल्कि उनकी प्रोसस्सिंग पॉवर भी शेयर करने की अनुमति प्रदान करती है l इसका सबसे अच्छा उदाहरण लैन गेमिंग है l जिसमे एक गेम को कई यूजर एक साथ खेलते हैं l
ट्रांसमिशन मीडिया (Transmission Media)
ट्रांसमिशन मीडिया - ट्रांसमिशन मीडिया वह भौतिक माध्यम है जिसके द्वारा एक कंप्यूटर से भेजे जाने वाली इन्फार्मेसन और सिग्नल्स नेटवर्क में जुड़े हुए दूसरे कंप्यूटर तक पंहुचती है | जिस प्रकार हमारी भाषा हमारे विचारो को अन्य के पास पंहुचाती है उसी प्रकार ट्रांसमिशन मीडिया एक कंप्यूटर के सिग्नल्स को दूसरे कंप्यूटर तक पहुचाता है | जैसे धातु के तार या तरंगें (वेव) |
सर्विस के आधार पर नेटवर्क के प्रकार (types of network according to service)
सर्विस के आधार पर नेटवर्क दो प्रकार के होते हैं -
१- पीयर टू पीयर
२- सर्वर सेंट्रिक
पीयर टू पीयर- पीयर टू पीयर नेटवर्क एक ऐसा नेटवर्क होता है जिसमे निश्चित रूप से न तो कोई कंप्यूटर सर्वर होता है और न ही कोई कंप्यूटर क्लाइंट लेकिन आवश्यकता के अनुसार कोई भी कंप्यूटर सर्वर भी बन सकता है और कोई भी कंप्यूटर क्लाइंट l इसे समझने के लिए हमें सर्वर क्लाइंट और पीयर को भी समझना पड़ेगा -
सर्वर(server)- सर्वर उस कंप्यूटर को कहा जाता है जो नेटवर्क में अन्य कंप्यूटर को कोई डाटा इन्फार्मेसन या सर्विस प्रदान करता है l
क्लाइंट (client)- क्लाइंट वह कंप्यूटर होता है जो सर्वर कंप्यूटर द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का प्रयोग करता है l
पीयर(peer)- पीयर वह कंप्यूटर होता है न तो सर्वर होता है और न क्लाइंट पर जरुरत के समय यह सर्वर की तरह भी कार्य कर सकता है और क्लाइंट की तरह भी l
सर्वर सेंट्रिक- सर्वर सेंट्रिक नेटवर्क वह नेटवर्क होता है जिसमे एक सर्वर होता है और बाकि कंप्यूटर उसके क्लाइंट होते हैं सर्वर द्वारा कई प्रकार के सेवाएँ क्लाइंट कंप्यूटर को दी जाती हैं जैसे फाइल सेवा,प्रिंट सेवा,इन्टरनेट सेवा आदि और सर्वर सिस्टम क्लाइंट सिस्टम को कण्ट्रोल और मैनेज भी करता है l
फाइबर ऑप्टिक केबल
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