Friday, March 16, 2018

What is Router Definition and how it works | राऊटर क्या है

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What is Router Definition and how it works | राऊटर क्या है

by: guideway360.com


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What is Server and client meaning in computers in hindi

सर्वर क्या है : बहुत सारे लोग जब भी सर्वर का नाम सुनते है तो उनको लगता है की कोई बहुत बड़ी से पावरफुल मशीन की बात हो रही है । आइये सभी लोगो का सर्वर से रिलेटेड confusion दूर कर देते है । कंप्यूटिंग मे सर्वर हार्डवेयर के साथ साथ सॉफ्टवेयर को भी कहा जाता है | यह एक हाई परफार्मिंग डिवाइस या सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है जो की नेटवर्क से कनेक्टेड डिवाइस, users or रिसोर्सेज को कंट्रोल या मैनेज करता है| हाई परफार्मिंग हार्डवेयर डिवाइस जो की सर्वर के फंक्शन्स परफॉर्म करता है पर सर्वर प्रोग्राम इनस्टॉल किये जाते है जिससे की उससे कनेक्टेड डिवाइस और users (जिनको क्लाइंट्स कहा जाता है) को मैनेज कर सके | इस architecture को client–server मॉडल कहते है | सर्वर्स अपने clients को बहुत सारी functionalities प्रोवाइड करता है जिसको “services” कहा जाता है जैसे डाटा शेयरिंग सर्विसेज, कम्प्यूटेशन रिलेटेड सर्विसेज, वेब सर्विसेज आदि | एक सिंगल सर्वर बहुत सारे क्लाइंट्स को serve कर सकता है एवं एक सिंगल क्लाइंट बहुत सारे सर्वर्स की सर्विसेज को ले सकता है | सॉफ्टवेयर सर्वर्स के कुछ examples है – Active Directory Server, DNS Server, DHCP Server, mail servers, print servers, database servers, file servers, web servers, application servers आदि | इसके आलावा अगर ऑपरेटिंग सिस्टम के सर्वर्स के example की बात करे तो विंडोज के सर्वर्स है – Windows Server 2008, Windows Server 2012, Windows Server 2016 आदि |
सर्वर्स को अगर सही शब्दों मे define किया जाये तो कहा जा सकता है की एक सर्वर किसी कंप्यूटर प्रोग्राम की instance को कहते है जो की किसी दूसरे program या client की request को लोकल नेटवर्क या इंटरनेट से accept करता है एवं उसको respond कर सकता है | जो high performing डिवाइस सर्वर सॉफ्टवेयर को रन करता है उसको भी सर्वर कहा जाता है | 
ऊपर सभी सॉफ्टवेयर सर्वर के example दिए गए है जिनमे की सर्वर्स अपने क्लाइंट्स को कोई services प्रोवाइड करता है | इनके आलावा बहुत सारी devices को भी सर्वर कहा जाता है जिनका हार्डवेयर पावरफुल एंड हाई परफॉर्म होता है | आप जानते है की इन सॉफ्टवेयर सर्वर्स को अगर नार्मल low performing devices पर इनस्टॉल किया जायेगा तो क्लाइंट्स को स्लो परफॉरमेंस के issue आएंगे एंड सारा काम स्लो होगा ऐसी प्रॉब्लम को solve करने के लिए अच्छे configurations के हार्डवेयर पर इन सॉफ्टवेयर सर्वर्स को install किया जाता है | example of few hardware server Dell poweredge servers, IBM X series server आदि |
कुछ सर्वर्स केवल specific टास्क के लिए ही डेडिकेट किये जाते है – जैसे print servers, file servers, network servers, and database servers | कम्पनीज चाहे तो इन सर्वर्स को अलग अलग उपयोग कर सकती है लेकिन कम्पनीज सर्वर्स के resources का लोड देखने के बाद एक हार्डवेयर सर्वर पर एक से ज्यादा सर्वर बना कर उपयोग कर सकती है । जैसे कंपनी को अगर लगता है की फाइल सर्वर पर ज्यादा लोड नहीं है तो वो फाइल सर्वर के साथ उस पर प्रिंट सर्वर व् नेटवर्क सर्वर्स भी बना सकती है । अगर एक हार्डवेयर सर्वर पर एक से ज्यादा सॉफ्टवेयर सर्वर बना कर उपयोग किये जाते है तो इनको शेयर्ड सर्वर कहते है । छोटी कंपनी मे बहुत बार नेटवर्किंग के लिए बनाये जाने वाले सर्वर मे एक सर्वर पर ही AD सर्वर, DNS सर्वर एंड DHCP सर्वर सेटअप कर दिए जाते है जो की बहुत ही गलत तरीका है । Example of shared server- जैसे एक फाइल सर्वर पर e-mail servers सेटअप किया जा सकता है |

किसी भी organization के लिए सर्वर्स बहुत ज्यादा इम्पोर्टेन्ट होते है एवं क्योकि ये सर्वर्स क्लाइंट्स को बहुत सारी services प्रोवाइड करते है इसलिए इनको कभी भी OFF नहीं किया जाता | अगर किसी वजह से सर्वर fail हो जाता है तो उससे रिलेटेड सारी सर्विस बंद हो जाएँगी एवं users जो की उनको use कर रहे है काम नहीं कर पाएंगे | इसलिए सर्वर्स का हार्डवेयर बहुत अच्छा, हाई configurations का एवं high-end fault tolerant होना चाहिए | 
आइये हम आपको कुछ जरुरी सॉफ्टवेयर सर्वर्स के बारे मे बताते है –
  • Web servers – इसकी हेल्प से वेब पेजेज को user के ब्राउज़र पर शो किया जाता है | यह एक कंप्यूटर प्रोग्राम है जो की HTML पेजेज व् फाइल्स की रिक्वेस्ट पूरी करता है । इसमें वेब ब्राउज़र एक client की जैसे behave करता है जो की वेब सर्वर्स से HTML files व् पेजेज की रिक्वेस्ट करता है । examples – IIS , Apache, Tomcat, NGinx आदि | 
  • Email servers – Clients की मेल्स को सेटअप, सेंड एंड receive करने मे हेल्प करता है |
  • FTP servers – FTP tools की हेल्प से फाइल को ट्रांसफर करने मे हेल्प करता है |
  • AD Servers – क्लाइंट users के logins, security व् roles को डिफाइन करते हुए उनको authorized करता है |
  • File server – यह केवल or केवल files को स्टोर करने के लिए use मे आता है | नेटवर्क का कोई भी user फाइल्स एंड डाटा को फाइल सर्वर पर store कर सकता है |
  • Print सर्वर – एक या जयदा नेटवर्क प्रिंटर्स को मैनेज करता है |
  • Database server- डेटाबेस को स्टोर करने के काम आता है एवं clients की demand पर डेटाबेस quarries को respond करता है |
  • Application server
  • Proxy server
Client Server Model : Client-server मॉडल मे सर्वर एक प्रोग्राम होता है जो की लोकल या नेटवर्क मशीन पर स्थित क्लाइंट की रिक्वेस्ट का wait करता है एवं जैसे ही क्लाइंट से रिक्वेस्ट प्राप्त होती है उसको पूरी करता है । किसी भी कंप्यूटर पर इन्सटाल्ड एप्लीकेशन एक क्लाइंट के साथ साथ सर्वर के जैसे भी काम कर सकती है जो की कंप्यूटर के किसी दूसरे प्रोग्रमा की रिक्वेस्ट पूरी करने के साथ साथ दूसरे प्रोग्राम से भी क्लाइंट की जैसे कुछ रिक्वेस्ट कर सकती है ।
अंत मे – सर्वर एक सॉफ्टवेयर है जो की टास्क को हैंडल करता है लेकिन इस सॉफ्टवेयर और रिक्वेस्ट को हैंडल करने वाले पॉवरफुल हार्डवेयर को भी सर्वर कहा जाता है क्योकि एक सर्वर सॉफ्टवेयर जो की नेटवर्क पर क्लाइंट की बहुत सारी (हज़ारो लाखो ) रिक्वेस्ट को मैनेज करता है को बहुत अच्छे हार्डवेयर कॉन्फ़िगरेशन की जरूरत होती है ।

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Router Definition and how it work  

Router Definition : Router एक हार्डवेयर डिवाइस है जो की इनकमिंग नेटवर्क पैकेट्स को रिसीव करने के बाद analyse करके दूसरे नेटवर्क मे forward या move करते है| अगर हम इंटरनेट के केस मे router की बात करते है तो राऊटर पैकेट्स को एनालाइज करके next network point का पता लगा कर packet को डेस्टिनेशन पर फॉरवर्ड करता है |
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Router पैकेट्स को दूसरे नेटवर्क इंटरफ़ेस मे कन्वर्ट, ड्राप या फिर दूसरा नेटवर्क रिलेटेड ऑपरेशन भी perform करता है | Routers को अगर simple language मे define किया जाये तो कहा जा सकता है की यह एक small electronic device होती है जो की multiple computer networks को wired or wireless connections की help से आपस मे connect करती है and जो भी packet router को receive होते है उनको analyse करके दूसरे नेटवर्क मे forward/pass करने का काम करती है | 
How it works 

जब राऊटर के पास कोई पैकेट आता है तो router डेस्टिनेशन नेटवर्क का address एवं internal routing table चेक करने के बाद decide करता है की पैकेट को किस पोर्ट या नेटवर्क मे फॉरवर्ड करना है| 
Router एक Layer 3 network device है and ये OSI मॉडल की network layer पर operates करती है | Router कि memory मे embedded operating system (O/S) स्टोर होता है जो की दूसरे OS की तुलना मे बहुत कम storage space लेता है | Popular router operating systems – Cisco Inter network Operating System (IOS) and DD-WRT. 
Actually Routing डाटा के फ्लो को नेटवर्क सेग्मेंट्स के बीच और hosts or routers  के बीच मैनेज करने का process है | इस routing को मैनेज करने के लिए राऊटर एक table मैनेज करता है जिसमे network के दूसरे routers की information store होती है |
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